Considerations To Know About sidh kunjika
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नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ ३ ॥
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में मां दुर्गा की नौ देवियां और दस महाविद्या का वर्णन है.
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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।। । इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।